ipc act 85

धारा 85 IPC 


ज्यादातर अपराध नशे की हालत मे ही अपराध करते हैं लेकिन कुछ लोग साजिस के तहत एक व्यक्ति को जाबरजसती  या धोखे से नशीली पदार्थ खिला देते हैं जिसे व्यक्ति से अमर कोई अपराध हो जाता हैं तो वह छमा योग्य ह या नही आज हम बतायेंगे की यह कब छमा योग्य होता हैं
  

धारा 85 इन हिन्दी 
यदि किसी व्यक्ति को धोके से कोई नशीला पदार्थ खिला दिया, या पिला दिया यदि उससे यह अपराध कराता जाय जिसमे उसका कोई उद्देस्य हिं ना हो तो वहा पर वह कैसे मुक्त होगा 

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साश्च्य मे दो बाते अपराध मे देखने योग्य होती हैं
(1)  कोई भी नशा उसकी बिना इच्छा से कराया गया हो
(2) आरोपी इतने नशे मे हो की उसे उसे सही और गलत की पहचान न हो


Example
एक 15 वर्षिय लड्की रात के समय बाज़ार से सामान लेकर अपने घर की और आ रही थी तभी एक व्यक्ति नशे की हालत मे उससे पकड़कर बलात्कार करने की कोशिस करता हैं लेकिन वह व्यक्ति नशे की हालत मे था जिससे उसने लड्की का गला दबाकर मार दिया उसे धारा 85 का सरंक्षण  नही मिलेगा क्युकि अपराधी को जानकारी थी उसने नशा अपनी मर्जी से कर रखा था वह मानव वध का दोषी होगा ।


Example 
कुछ चार दोस्त एक दोस्त को धोके से या जबरजस्ती नशे का इंजैक्शन लगा देते हैं जिससे वह अपराध कर देते हैं लेकिन उसे कुछ याद नही हैं वह एक महिला की हत्या कर देता हैं तो वहा पर उसे धारा 85 के अन्तर्गत सरंक्षण मिलेगा क्युकि उसे नशा जबरजस्ती कराया गया था और उसे नही पता था सही और गलत का।






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